पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में किए गए गमले के बाद केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए करारा जवाब दिया है. भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ कई समझौते- व्यापार भी निलंबित कर दिया है. वहीं पाकिस्तान और उसका समर्थन करने वाले देशों से अयात-निर्यात होने वाली सामग्री पर रोक लगाई जा रही है. ऐसे में अब उत्तर कन्नड़ जिले के किसानों ने भी फैसला किया है रि वे पाकिस्तान को पान के पत्ते निर्यात करने पर सहमत नहीं हैं.
उत्तर कन्नड़ जिले के होन्नावर के शरावती नदी बेसिन में किसानों द्वारा उगाए गए पान के पत्तों को पहले दिल्ली के व्यापारियों द्वारा खरीदा जाता था और पाकिस्तान को निर्यात किया जाता था. यह कई पीढ़ियों से चलता आ रहा है. पाकिस्तान में भारी मांग वाले होनावर पान के पत्तों को भी केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान जाने वाले भारतीय सामानों पर प्रतिबंध लगाने से भारी नुकसान हुआ है.
अवैध रूप से पाकिस्तान पहुंचाया जा रहे थे पान के पत्ते
उत्तर कन्नड़ पान के पत्तों को अवैध रूप से पाकिस्तान ले जाया जा रहा है. इन सबके बावजूद, होन्नावर से दिल्ली को आपूर्ति की जाने वाली सुपारी दूसरे रास्ते से पाकिस्तान पहुंचाई जा रही थी. प्रतिदिन होन्नावर से 11 टन से अधिक पान के पत्ते दिल्ली पहुंचते थे और फिर अन्य मार्गों से पाकिस्तान पहुंचते थे. हालांकि, अब जब होन्नावर के किसानों को यह बात समझ आ गई है, तो उन्होंने दिल्ली के व्यापारियों को पान भेजना बंद कर दिया है. परिणामस्वरूप, जो काजू पाकिस्तान जा रहे थे, वे अब घरेलू बाजार में बिक रहे हैं.
होन्नावर के किसान क्या कहते हैं?
यदि कीमत गिर जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता. हम नुकसान सहन करेंगे लेकिन पाकिस्तान को पान के पत्ते और सुपारी सप्लाई नहीं होने देंगे. हालांकि, हम उसे पाकिस्तान भेजने पर सहमत नहीं हो सकते. जिले के किसानों की ओर से सतीश भट्ट ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान को पान भेजने पर स्थायी प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर किसी अन्य तरीके से पाकिस्तान तो पान सप्लाई किया जाएगा तो हम पत्ती उगाना छोड़ देंगे.